नोएडा: चीन और खाड़ी देशों के जरिए भारत लाई गई 15 लाख की ई-सिगरेट के साथ दो गिरफ्तार
Two Arrested with E-Cigarettes worth Rs 15 lakh
Two Arrested with E-Cigarettes worth Rs 15 lakh: नोएडा शहर में मादक पदार्थों का कारोबार तेजी से फैल रहा है. युवाओं के गांजे के साथ-साथ अब फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट अपनी पैठ बना रहा है. कार और बुलेट से प्रतिबंधित ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले दो आरोपियों को नोएडा पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों के पास से करीब 15 लाख रुपये की ई-सिगरेट बरामद हुई. पुलिस ने दोनों की कार, बुलेट और मोबाइल को जब्त कर लिया है.
बता दें कि थाना 39 पुलिस ने रियाज अहमद को सेक्टर-37 के पास पकड़ा है. वहीं सेक्टर-49 पुलिस ने रंजीत को लाखों की ई-सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया है. एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर सेक्टर-37 के पास एक संदिग्ध कार को चेकिंग के लिए रोका गया. इस कार की जब तलाशी ली गई तो उसमें आठ लाख की चाइना मेड ई-सिगरेट मिली. वहीं सेक्टर-49 पुलिस ने प्रतापगढ़ के रंजीत को लाखों की ई-सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया.
ऑन डिमांड सप्लाई
वर्तमान में बरौला में रह रहा रंजीत बुलेट से ई-सिगरेट की आपूर्ति करता था. एक ई-सिगरेट 4 से 5 हजार रुपये में बिकती है. यह सिगरेट पीजी, कॉलेज और अन्य स्थानों पर ऑन डिमांड सप्लाई की जाती थी. मांग अधिक होने के कारण प्रतिबंधित ई-सिगरेट की कीमत भी कई गुना अधिक हो जाती है. पुलिस ने बताया कि नामी कॉलेजों के आसपास इस प्रकार की ई-सिगरेट की ज्यादा आपूर्ति होती है.
नेपाल के रास्ते लाई गई ई-सिगरेट
नोएडा के एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि नेपाल के रास्ते ई-सिगरेट की खेप को दिल्ली लाया जाता है. दिल्ली से अन्य राज्यों और जिलों में इसे बेचने के लिए भेजा जाता है. दिल्ली और राजस्थान के आसपास ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जो प्रतिमाह लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
तस्करी गिरोह का पर्दाफाश
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले सेक्टर-39 और सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. यहां भी नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट आई थी. गिरफ्त में आए आरोपियों के वाट्सएप ग्रुप को चेक किया जा रहा है.